Blood sugar response to carbohydrates may indicate prediabetes risk

कार्बोहाइड्रेट के प्रति ब्लड शुगर रिस्पॉन्स प्री डायबिटीज जोखिम का संकेत दे सकता है : रिसर्च

Blood sugar response to carbohydrates may indicate prediabetes risk

Blood sugar response to carbohydrates may indicate prediabetes risk

Blood sugar response to carbohydrates may indicate prediabetes risk- नई दिल्ली। एक स्टडी के अनुसार, भोजन करने के बाद हमारे ब्लड शुगर की प्रतिक्रिया कैसी रहती है, यह मेटाबॉलिक हेल्थ के साथ-साथ प्रीडायबिटीज के जोखिम का संकेत भी दे सकती है। खासकर कार्बोहाइड्रेट के सेवन के बाद यह बात और जरूरी हो जाती है।   

अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने बताया कि व्यक्तियों के बीच ब्लड शुगर रिस्पॉन्स पैटर्न में अंतर इंसुलिन रेजिस्टेंस या बीटा सेल डिसफंक्शन जैसी विशिष्ट मेटाबॉलिक कंडीशन से जुड़ा था। दोनों ही डायबिटीज की वजह बन सकते हैं।

नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध में यह बताया है कि ब्लड शुगर रिस्पॉन्स में यह खोज पर्सनलाइज्ड प्री डायबिटीज और डायबिटीज के लिए व्यक्तिगत रोकथाम और उपचार रणनीतियों को जन्म दे सकती है।

स्टैनफोर्ड मेडिसिन में जेनेटिक्स के प्रोफेसर माइकल स्नाइडर ने कहा, "यह स्टडी बताती है कि न केवल प्रीडायबिटीज के कई टाइप हैं, बल्कि यह भी कि आपका खास तरह का टाइप यह निर्धारित कर सकता है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।"

स्टडी में उन 55 प्रतिभागियों ने इंसुलिन रेजिस्टेंस और बीटा सेल डिसफंक्शन के लिए मेटाबॉलिक टेस्ट किया, जिनको टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी नहीं थी। प्रतिभागियों को मल्टी-ओमिक्स प्रोफाइलिंग के अधीन भी किया गया, जिसमें ट्राइग्लिसराइड के लेवल, ब्लड के प्लाज्मा में मेटाबोलाइट्स, लीवर फंक्शन के माप और गट माइक्रोबायोम डेटा के टेस्ट शामिल थे।

प्रतिभागियों में से लगभग आधे, यानी कुल 26, प्री डायबिटीज से पीड़ित थे। यानी वे डायबिटीज होने की कगार पर थे। रिजल्ट से पता चला कि कई प्रतिभागियों में चावल या अंगूर खाने के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल में वृद्धि हुई, भले ही उनकी मेटाबॉलिक हेल्थ कैसी भी हो।

रेजिस्टेंस स्टार्च की सबसे अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों जैसे आलू और पास्ता के प्रति ब्लड ग्लूकोज की प्रतिक्रिया प्रतिभागियों के मेटाबॉलिक डिसफंक्शन के आधार पर अलग थी। जिन प्रतिभागियों का ब्लड शुगर लेवल ब्रेड खाने के बाद बढ़ गया, उनमें हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना अधिक थी।

आलू बनाम अंगूर के प्रति ब्लड ग्लूकोज रिस्पॉन्स की तुलना इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी थी। यह अनुपात भविष्य में इंसुलिन रेजिस्टेंस के लिए एक रियल-वर्ल्ड बायोमार्कर के रूप में काम कर सकता है।

एंडोक्राइनोलॉजी के प्रोफेसर ट्रेसी मैकलॉघलिन ने कहा, "ऐसा बायोमार्कर उपयोगी होगा, क्योंकि इंसुलिन रेजिस्टेंस पर लाइफस्टाइल और दवाओं के लेने का प्रभाव पड़ता है, जो उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है। वर्तमान में क्लीनिक में इसकी पहचान करने का कोई आसान तरीका नहीं है।"

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि चावल खाने से पहले फाइबर या प्रोटीन खाने से ब्लड में ग्लूकोज स्पाइक कम हुआ और चावल खाने से पहले वसा युक्त भोजन खाने से ग्लूकोज स्पाइक पीक में देरी हुई।

हालांकि, ब्लड ग्लूकोज रिस्पॉन्स में ये बदलाव सिर्फ मेटाबॉलिक हेल्थ से स्वस्थ प्रतिभागियों में हुए जो इंसुलिन के प्रति संवेदनशील थे या जिनकी बीटा सेल सामान्य रूप से काम कर रही थी।